ज़िन्दगी की पहचान

Yogesh kumar
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            मेरी ज़िन्दगी की पहचान है तू ,

      पर जाने क्यों इस बात से अन्जान है तू

     तेरे बिना ज़िन्दगी अधूरी है कुछ इस तरह ,

जैसे मैं  सिर्फ एक जिस्म और इसकी जान है तू ।।

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