वो उनका मुस्कुराना और वो मेरे लिए रोना

Yogesh kumar
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जाने क्यों आज भी खाली नहीं  उनकी यादों से मेरे दिल का कोई कोना ,
वो उनका मुस्कुराना और वो मेरे लिए रोना

आज भी याद है मुझे वो हसीं पल और वो सफ़र सुहाना ,
जाने क्या लिखा था मेरे नसीब में जो  हो गया मुझसे ही वो शख्स बेगना।

कया पता था की ज़िंदगी में मेरी कभी ऐसा पल भी आएगा ,
जिसे बनाना चाहा था हमने अपना ,वो ही बेगाना हो जाएगा ।

हमे तो आज भी याद है उनका हर एक लफ़्ज़ और हर एक तराना ,
वो भले ही भूल गये पर हमारे लिए तो नामुनकिन है आज भी उनको भूल पाना ।

वो कुछ पल का.हमारा उनसे मिलना ,
और फिर हमेशा के लिए जुदा हो जाना , ।

भुला तो हम भी सकते है उन्हें,
पर नामुनकिन है उनको भुलाने के लिए खुद की धड़कन को रोक पाना ।

जाने क्यों आज भी खाली नहीं है उनकी यादों से मेरे दिल का कोई कोना वो उनका मुस्कुराना वो मेरे लिए रोना…………।।

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