इश्क की किताब

Yogesh kumar
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तेरा अहसास दिल से मिटाकर जीने चले थे ,

तेरी हर याद दिल से भुलाकर जीने चले थे ।

रुह तक में तो शामिल है बस तू ही तू ,

ओर एक हम थे जो तेरे बिना इश्क की किताब लिखने चले थे ।

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