मशरूफ होता हूँ जब कभी भी यादों में तेरी ,
तो होठो पर मेरे मुस्कान सी होती है ।
ओर देखकर तेरे होठो की मुस्कान को ,
ज़िन्दगी अपनी हमको आसान सी लगती है ।
मशरूफ होता हूँ जब कभी भी यादों में तेरी ,
तो होठो पर मेरे मुस्कान सी होती है ।
ओर देखकर तेरे होठो की मुस्कान को ,
ज़िन्दगी अपनी हमको आसान सी लगती है ।
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