हिंदी शायरी || Hindi Shayari || जिन्दा कैसे हूं || Jinda kaise hun.
मेरी बेकरारी का आलम मुझसे ना पूछ,
तेरे बिन जी तो रहा हूं.
पर समझ नहीं आता कि तेरे बिन
जिन्दा कैसे हूं.
मेरी बेकरारी का आलम मुझसे ना पूछ,
तेरे बिन जी तो रहा हूं.
पर समझ नहीं आता कि तेरे बिन
जिन्दा कैसे हूं.
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