कहना तो चाहते है आज भी उनसे बहुत कुछ ,
पर जाने क्यों लबोँ पर आते आते अलफ़ाज़ थम जाते है ।
कुछ तो बात है उस शख्स में शायद ऐसी कोई ,
जो उसे भुलाते भुलाते हम खुद को भूल जाते है ।
कहना तो चाहते है आज भी उनसे बहुत कुछ ,
पर जाने क्यों लबोँ पर आते आते अलफ़ाज़ थम जाते है ।
कुछ तो बात है उस शख्स में शायद ऐसी कोई ,
जो उसे भुलाते भुलाते हम खुद को भूल जाते है ।
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