मुख्यपृष्ठ पल दो पल का नग्मा पल दो पल का नग्मा Yogesh kumar अक्टूबर 07, 2018 0 ज़िंदगी को समझो तो सच , ना समझो तो सपना है । हकीकत है ज़िंदगी , या जैसे कोई कल्पना है । पल में हसाती है ज़िंदगी , तो दूजे ही पल गम दे जाती है ज़िंदगी । ईसीलिये तो शायद, पल दो पल का नग्मा कही जाती है ज़िंदगी । Facebook Twitter Whatsapp और नया पुराने
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