इजहार-ऐ-मोहब्बत

Yogesh kumar
0 minute read
0

इजहार-ऐ-मोहब्बत ना की और दिल की बात

दिल में ही दबा गए ।

वो हमारी नज़रों के सामने किसी और के

हो गए ,

ओर एक हम थे जो उनकी ख़ुशी देखकर

अपना दर्द भी भुला गए ।

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

Thanks for visiting this page suggestion are welcome

एक टिप्पणी भेजें (0)